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मुकुल राय- अरे बेटी पूरा तो देखने दो। मैं भी तो देखूं मेरी बेटी अंदर … पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तो, मैं आपकी अपनी रंडी श्रुति शर्मा फिर से हाज़िर हू एक नयी हिन्दी सेक्स स्टोरी के साथ, मुझे पता है आप यहा अपनी प्यास बुझाने आते हो, तो डालो ना अपने अंडरवेर मे हाथ और हिलाओ अपने साँप को.

.माँ भी पापा का लिंग पाजामे का नाडा खोल कर बाहर निकाल चुकी थी….. अचानक माँ झुकी और पापा के लिंग को मुँह मे लेकर किसी लॉलीपोप की तरह चूसने लगी…उधर मेरे हाथ की रगड़ान मेरी चूत पर बढ़ती ही जा रही थी…अचानक पापा बोले …ज़रा नीचे आजामाँ चुप चाप नीचे लेट गयी और पापा उपर आ गये …. पापा ने माँ के होंठो पर एक जबर दस्त चुंबन लिया और .. उसके उपर लेट गये ..तभी पापा ने माँ की साड़ी को उनके पेट तक सरका दिया और अपना लंड सेट किया और माँ की चूत में सरका दिया…. मेरी तो जैसे सिसकारी सी निकल गयी….माँ भी कराहने सी लगी… फिर पापा धीरे धीरे झटके मारने लगी….. मैं तो जैसे पागल सी हो गयी थी…

वोह बैठने के लिए जगाह ढूंढने लगी भगर उसे जगाह नही दिखी।फिर वोह दरवाजा छोडकर मेरे पास आकर खडी हो गई।मै रोज उसे चुपके से दिखता था।ईसलिए मुझे आज अच्छा लग रहा था क्योकि भगवान ने मेरी सुन ली थी।ऐसी सुंदर लडकी मेरे पास आकर खडी जो हो गई थी।

मानसी धीमे से बोली, “सब कुछ अचानक से हो गया पापा”।

मैंने मानसी से ही पूछा, “मानसी अगर प्रभात स्नेहा का बॉयफ्रेंड है तो तुम्हारे साथ उसने ये सब कैसे किया वो भी स्नेहा के ही घर पर, स्नेहा के सामने”?

“मेरे मन में के तरह के सवाल उठने लगे। पहला get more info सवाल तो यही थी कि इतनी रात को मानसी आयी ही क्यों, किस नीयत से आयी थी? और आयी भी थी, तो लाइट क्यों नहीं जलाई”?

मैं मानसी के कमरे में गया। मानसी लेटी हुई थी। मैंने मानसी से पूछा, “क्या बात है मानसी? तबीयत तो ठीक है”?

Meri aur papa ki chudai shuru hone wali thi, lekin tabhi mummy aa gayi. Padhiye kaise prepare bana kar hum dono ghar se bhaag gaye.

तो उमेश मेरा इशारा पा कर मुझे बेड पर लिटा अपना पैंट उतारने लगा, नंगा हो बोला- रानी बड़ा मजा आएगा.’

मैं उमेश से चुदकर जान ही चुकी थी. मैं जान गई कि क्रीम का क्या होगा पर अंजान बन बोली- पापा क्रीम क्यों?

‘अब तू मेरी दूसरी बीवी है पर पापा जब मम्मी आ जाएंगी तो?’

मेरी चूत लण्ड खाने को बेताब हो गई थी. मैं अपनी कमर लचकाती बोली- हाय उमेश, जो करना हो जल्दी से कर लो, कहीं पापा ना आ जाएँ!

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